Publisher: Author’s Ink India….
Verdict: ☆☆☆☆ A collection of beautiful Hindi Poetry book full of love. People who are interested in Hindi poems must read.
About The Author: मध्यप्रदेश के मन्दसौर जिले में जन्मे दिनेश गुप्ता 'दिन' पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं | दिनेश गुप्ता की कविताएँ, लेख, गीत और इंटरव्यू देश की कई प्रमुख पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए हैं | शुरुवाती दिनों में कविता इनका शौक हुआ करती थी, इन दिनों जुनून है और वो लेखन को ही अपना पेशा बनाने को लेकर खासे उत्साहित हैं | इंजीनियर और कवि थोड़ा मुश्किल मिश्रण लगता है, जब दिनेश से पूछा जाता है तब वो कहते हैं: "इंजीनियरिंग मेरा पेशा है परन्तु कविता मेरा जुनून है, शब्द मेरी रगों में खून बनकर दौड़ते हैं और कविता मेरी नसों में बहती है" अपनी चेतना और अनुभूति की अभिव्यक्ति भर हैं कविता | इनकी कुछ रचनाएँ आप यहाँ देख सकते हैं https://www.facebook.com/dineshguptaofficial dineshguptadin28.blogspot.in
About The Book: "कैसे चंद लफ्ज़ों में सारा प्यार लिखूँ" एक कविता-संग्रह है, जिसमें प्यार मुहब्बत विषय पर कविता, शायरी, गीत और ग़ज़लें सम्मिलित है |
Review: “Kaise chand lafzon mein saara pyaar likhun” is collection of Hindi poetry book full of love. The cover is pleasing and it clearly defines about a boy’s love waiting for the girl. Each line of the poem dedicated to his love for her. I loved each stanza of the poem. It contains all the emotions together. Pain, love, romance all was clubbed together. While reading poem's reader could feel the pain, the love of a boy. All in all a good poetry collection for lovers. All the best Author. I would love to share a poem written in the blurb….
कैसे चंद लफ़्ज़ों में सारा प्यार लिखूँ मैं……………
शब्द नए चुनकर गीत वही हर बार लिखूँ मैं
उन दो आँखों में अपना सारा संसार लिखूँ मैं
विरह की वेदना लिखूँ या मिलन की झंकार लिखूँ मैं
कैसे चंद लफ़्ज़ों में सारा प्यार लिखूँ मैं……………
उसकी देह का श्रृंगार लिखूँ या अपनी हथेली का अंगार लिखूँ मैं
साँसों का थमना लिखूँ या धड़कन की रफ़्तार लिखूँ मैं
जिस्मों का मिलना लिखूँ या रूहों की पुकार लिखूँ मैं
कैसे चंद लफ़्ज़ों में सारा प्यार लिखूँ मैं…………….
उसके अधरों का चुंबन लिखूँ या अपने होठों का कंपन लिखूँ मैं
जुदाई का आलम लिखूँ या मदहोशी में तन मन लिखूँ मैं
बेताबी, बेचैनी, बेकरारी, बेखुदी, बेहोशी, ख़ामोशी……......
कैसे चंद लफ़्ज़ों में इस दिल की सारी तड़पन लिखूँ मैं
इज़हार लिखूँ, इकरार लिखूँ, एतबार लिखूँ, इनकार लिखूँ मैं
कुछ नए अर्थों में पीर पुरानी हर बार लिखूँ मैं........
इस दिल का उस दिल पर, उस दिल का किस दिल पर
कैसे चंद लफ़्ज़ों में सारा अधिकार लिखूँ मैं....................
होठों की ख़ामोशी लिखूँ या अंतर की आवाज़ लिखूँ मैं…
अंजाम लिखूँ इश्क का या मुहब्बत का आगाज़ लिखूँ मैं
गीत लिखूँ मिलन के या जुदाई के अल्फाज़ लिखूँ मैं...
बिखरे हुए सुरों से कैसे कोई नया साज़ लिखूँ मैं........
कजरे की धार लिखूँ या फूलों वाला हार लिखूँ मैं
लबों की शोखी लिखूँ या आँखों का इकरार लिखूँ मैं
इस रीते तन-मन से, अधूरे, अकेले खाली पन से
कैसे नवयौवन-मधुबन का सारा श्रृंगार लिखूँ मैं
कैसे चंद लफ़्ज़ों में सारा प्यार लिखूँ मैं………..
Book Link:
Amazon: http://www.amazon.in/Kaise-Chand-Lafzon-Saara-Likhun/dp/8192955532
Verdict: ☆☆☆☆ A collection of beautiful Hindi Poetry book full of love. People who are interested in Hindi poems must read.
About The Author: मध्यप्रदेश के मन्दसौर जिले में जन्मे दिनेश गुप्ता 'दिन' पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं | दिनेश गुप्ता की कविताएँ, लेख, गीत और इंटरव्यू देश की कई प्रमुख पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए हैं | शुरुवाती दिनों में कविता इनका शौक हुआ करती थी, इन दिनों जुनून है और वो लेखन को ही अपना पेशा बनाने को लेकर खासे उत्साहित हैं | इंजीनियर और कवि थोड़ा मुश्किल मिश्रण लगता है, जब दिनेश से पूछा जाता है तब वो कहते हैं: "इंजीनियरिंग मेरा पेशा है परन्तु कविता मेरा जुनून है, शब्द मेरी रगों में खून बनकर दौड़ते हैं और कविता मेरी नसों में बहती है" अपनी चेतना और अनुभूति की अभिव्यक्ति भर हैं कविता | इनकी कुछ रचनाएँ आप यहाँ देख सकते हैं https://www.facebook.com/dineshguptaofficial dineshguptadin28.blogspot.in
About The Book: "कैसे चंद लफ्ज़ों में सारा प्यार लिखूँ" एक कविता-संग्रह है, जिसमें प्यार मुहब्बत विषय पर कविता, शायरी, गीत और ग़ज़लें सम्मिलित है |
Review: “Kaise chand lafzon mein saara pyaar likhun” is collection of Hindi poetry book full of love. The cover is pleasing and it clearly defines about a boy’s love waiting for the girl. Each line of the poem dedicated to his love for her. I loved each stanza of the poem. It contains all the emotions together. Pain, love, romance all was clubbed together. While reading poem's reader could feel the pain, the love of a boy. All in all a good poetry collection for lovers. All the best Author. I would love to share a poem written in the blurb….
कैसे चंद लफ़्ज़ों में सारा प्यार लिखूँ मैं……………
शब्द नए चुनकर गीत वही हर बार लिखूँ मैं
उन दो आँखों में अपना सारा संसार लिखूँ मैं
विरह की वेदना लिखूँ या मिलन की झंकार लिखूँ मैं
कैसे चंद लफ़्ज़ों में सारा प्यार लिखूँ मैं……………
उसकी देह का श्रृंगार लिखूँ या अपनी हथेली का अंगार लिखूँ मैं
साँसों का थमना लिखूँ या धड़कन की रफ़्तार लिखूँ मैं
जिस्मों का मिलना लिखूँ या रूहों की पुकार लिखूँ मैं
कैसे चंद लफ़्ज़ों में सारा प्यार लिखूँ मैं…………….
उसके अधरों का चुंबन लिखूँ या अपने होठों का कंपन लिखूँ मैं
जुदाई का आलम लिखूँ या मदहोशी में तन मन लिखूँ मैं
बेताबी, बेचैनी, बेकरारी, बेखुदी, बेहोशी, ख़ामोशी……......
कैसे चंद लफ़्ज़ों में इस दिल की सारी तड़पन लिखूँ मैं
इज़हार लिखूँ, इकरार लिखूँ, एतबार लिखूँ, इनकार लिखूँ मैं
कुछ नए अर्थों में पीर पुरानी हर बार लिखूँ मैं........
इस दिल का उस दिल पर, उस दिल का किस दिल पर
कैसे चंद लफ़्ज़ों में सारा अधिकार लिखूँ मैं....................
होठों की ख़ामोशी लिखूँ या अंतर की आवाज़ लिखूँ मैं…
अंजाम लिखूँ इश्क का या मुहब्बत का आगाज़ लिखूँ मैं
गीत लिखूँ मिलन के या जुदाई के अल्फाज़ लिखूँ मैं...
बिखरे हुए सुरों से कैसे कोई नया साज़ लिखूँ मैं........
कजरे की धार लिखूँ या फूलों वाला हार लिखूँ मैं
लबों की शोखी लिखूँ या आँखों का इकरार लिखूँ मैं
इस रीते तन-मन से, अधूरे, अकेले खाली पन से
कैसे नवयौवन-मधुबन का सारा श्रृंगार लिखूँ मैं
कैसे चंद लफ़्ज़ों में सारा प्यार लिखूँ मैं………..
Book Link:
Amazon: http://www.amazon.in/Kaise-Chand-Lafzon-Saara-Likhun/dp/8192955532